धेनु शक्ति संघ
गो सेवा धर्म हमारा
जय गो माता
|| ॐ करणी ||
जय गुरुदाता
गो सेवार्थ होने वाले सभी कार्यों में बने सहभागी
धेनु शक्ति संघ मुख्य उद्देश्य
1. गो अपराध गो कष्ट बढ़ने पर आवश्यकता अनुसार क्षेत्रीय प्रादेशिक अथवा राष्ट्रव्यापी गौ-रक्षार्थ, गो-सेवार्थ कड़े आंदोलन कर गौमाता के पक्ष में शासन से सहयोग और न्याय प्राप्त करना ।
2. गौ तस्करों को कडी सजा दिलाना, उनके वाहन राजसाद करवाना, किसी भी स्थिति में गोवंश उनके हाथों में नहीं सौंपना।
3. सरकार से शासकीय स्तर पर गौशालाओं को गो-चिकित्सालय को, गो संवर्धन केन्द्रों को समय पर उचित अनुदान दिलवाना।
4. सरकार द्वारा गोवंश हेतु चलाई जा रहीं लाभार्थी योजना का किसी कारण से लाभ नहीं मिल पाने पर गो-सेवा उन्मुख केंद्रों को सहयोग प्रदान करवाना।
5. शासन के उदासीन रवैये पर अपने स्तर पर जन-जागरण कर कसाइयों से निपटना, उन्हें अन्य कार्य करने को मजबूर करना।
6. गोचर से अवैध कब्जे हटाने में सरकार और समाज का सहयोग करना।
7. सहज सकारात्मक स्तिथि में गो-सेवायुत रचनात्मक आंदोलन खड़ा करना।
8. गो-सेवी बेटियों को, महिलाओं को प्रेरित कर गो-सेवा में लगाना।
9. गो-सेवी बेटियों को सभी प्रकार का प्रशिक्षण देना।
10. गो-सेवी बेटियों को रचनात्मक पद्धति से जोड़कर देश में व्यापक स्तर पर माताओं का संघठन खड़ा करना।
धेनु शक्तिसंघ के (DSS) सहायक उद्देश्य:-
1. धेनु धाम फाउंडेशन के माध्यम से संचालित ३१ वर्षीय गो पर्यावरण और अध्यात्म चेतना पदयात्रा द्वारा देशभर में हो रहे गो महिमा प्रचार कार्यों के माध्यम से गौशालाओं तक धेनु शक्ति संघ के (DSS) के सहयोग विषय को पहुंचाना और जहाँ-जहाँ पदयात्राएँ जाए, वहाँ-वहाँ के सभी धेनु शक्ति संघ के (DSS) की कार्यकर्ता बहनों को पदयात्रा के सहयोग में लगाना, सहयोग करवाना।
2. दवा देवी फाउंडेशन के माध्यम से अभावग्रस्त गो-चिकित्सालय में नि:शुल्क दवा वितरण करवाना तथा उनके द्वारा किए जा रही दवा वितरण के सदुउपयोग को सुनिश्चित करना।
3. दाता देवी फाउंडेशन शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने गो-चिकित्सालय का निर्माण करवाना और हो रहे निर्माण कार्यो में स्थानीयधेनु शक्ति संघ की (DSS) कार्यकर्ता बहनों को लगाना
4. दाना देवी फाउंडेशन, शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर गो आहार/चारे का प्रबंध करवाना, सदुपयोग पर नजर रखना व्यवस्था में धेनु शक्ति संघ की (DSS) कार्यकर्ता बहनों को लगाना।
5. धेनु दर्शन फाउंडेशन, शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष आवश्यकता होने पर संवर्धन केंद्र स्थापित करवाना।
6. धेनु धारा फाउंडेशन, शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर गो चिकित्सालय में जल प्रबंधन से जुड़े कार्य करवाना।
7. दृष्टि देवी फाउंडेशन द्वारा हो रहे कार्यों में सहयोग प्रदान करने हेतु धेनु शक्ति संघ की (DSS) कार्यकर्ता बहनों को लगाना और समाज के सहयोग से गो-सेवा हित जन-जागरण हेतु धार्मिक, चिकित्सकीय साहित्य प्रकाशन और वितरण और सदस्यता अभियान में सहयोग करना।
8. ग्वाल शक्ति सेना (G.S.S.) के माध्यम से गो-चिकित्सालय के लिए शासन और समाज द्वारा भूमि आवंटन अथवा भूमिदान में आ रही समस्याओं का निराकरण भाइयों के माध्यम करवाना। गो-रक्षार्थ कानून बनवाने में और गो-रक्षा के कार्यों में शासन का सहयोग करवाना।
9. धेनु देवी फाउंडेशन के माध्यम से गौ-चिकित्सालय में उचित वेतन पर श्रद्धावान चिकित्सक एंव बीमार गौमाता की सेवा के लिए उचित वेतन पर प्रशिक्षित श्रद्धावान ग्वाल की व्यवस्था करवाना तथा गो आधारित शैक्षिक कार्यों के संचालन एंव परंपरागत गो चिकित्सा पद्धति विकसित करने मे सहयोग करना।
10. धेनु धरती फाउंडेशन के माध्यम से बैल और पञ्चगव्य आधारित ऋषि कृषि के कार्यों को धेनु शक्तिसंघ की (DSS) कार्यकर्ता बहनों द्वारा हो इस कार्य हेतु प्रेरणा देना।
11. धेनु धन फाउंडेशन द्वारा संचालित ऋषि कृषि और पंचगव्य उत्पाद वितरण और विनियोग हेतु गो-चिकित्सालयों में विक्रय केंद्र स्थापित करवाना और धेनु शक्ति संघ की (DSS) बेरोजगार कार्यकर्ता बहनों को लगाना।
12. गो-चिकित्सालय हेतु गौ एंबुलेस उपलब्ध करवाने के लिए श्रीमंत संस्थाओं को और इस कार्य हेतु सांसद निधि का उपयोग करने के लिए विधायक, सांसद को प्रेरित करना।
13. धार्मिक केंद्र स्थापित करना।
14. गौशाला निर्माण एवं संचालन करना।

धेनु शक्ति संघ
आज अपने देश में जन-जन के हृदय में राष्ट्रभक्ति को जाग्रत करने वाले अनेकों महिला राष्ट्रवादी संगठन है, जैसे दुर्गावाहिनी, राष्ट्रीय सेविका समिति, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय महिला संघ, भारतीय महिला संघ १९१७, महिला प्रगतिशील संघ १९१९, महिला स्वयंसेवी कोर आदि और भी कई संगठन है।
समय-समय पर जब हमारे देश में राष्ट्र-विरोधी, हमारे संस्कृति-विरोधी कोई भी हलचल होती है, तब यह संगठन मजबूती के साथ ऐसे तत्वों का विरोध करते है। महिलाओं के अनेकों जाति आधारित पंथ, आधारित क्षेत्र, आधारित कई धार्मिक संगठन भी हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर धर्म प्रचार, धर्म स्थल की सुरक्षा और विकास के लिए काम कर रहे हैं। जब भी धर्म स्थल पर विधर्मीयों या शासन की ओर से कोई हानि पहुँचानें का प्रयास किया जाता हैं, तब महिलाओं द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों आंदोलन किये जाते है और यह आंदोलन इतने कडे होते है कि शासन को भी घुटने टेकने पड़ते है। धर्मस्थल के विकास की बात आती है, तो भी माताएँ सहयोग करती कराती है, भाषागत, जातिगत, क्षेत्रीय, राजनीतिक, लिंगानुसार कई महिला संगठन अपने-अपने विचारों के साथ खड़े हैं, लेकिन गो-सेवा के क्षेत्र मे राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाला एक भी गो-सेवी महिला संगठन नहीं हैं, जो तन-मन-धन और शैक्षणिक दृष्टिकोण से सबल हो और वह निष्काम भाव से गो-सेवा और गो-रक्षा के कार्यों को आगे बढ़ाए। जब भी गौमाता की सेवा से जुड़े विभिन्न आयाम जैसे गौ-सेवा, गौ-रक्षा, गोचर से जुडी कोई समस्या, अनुदान संबधित समस्या, भूमि आवंटन से जुड़ी समस्या, गौ-भक्तों, गौ-रक्षकों, गौ-सेवकों और गौशाला संचालकों की बात आती है, तब उनके सहयोग के लिये बहुत कम लोग आगे आते है, वो भी अधिकांश पुरुष ही होते हैं, शक्ति का अवतार मानी जाने वाली महिला नहीं होती है और होती हैं तो भी बहुत कम….. उस स्थिति में गौभक्त अपने आप को असहाय महसूस करते है। विशेष गोभक्त बहनें जो गोशाला गो-चिकित्सालय चला रही हैं या गो-रक्षा के काम में लगी हुई हैं। ऐसे भाई-बहन सहयोग हेतु पंचायत, नगरपालिका, तहसीलदारों, मंत्रीयों के पास मंत्रालयों, कार्यालयों में निरंतर चक्कर लगाते है, परन्तु गौभक्तों कि हृदय की पीड़ा पर भी शासकीय स्तर पर सहज सहयोग नहीं प्राप्त होता हैं। इसका परिणाम यह निकलता है, कि गो-सेवक निराश होकर किसी अन्य समाज सेवा या व्यापारिक कार्य में लग जाते है, परिणाम स्वरूप गौ-सेवा के कार्य को हानि होती है। गोवंश सड़कों पर भूखा-प्यासा भ्रमण करता हैं। गायमाताओं की दिन दहाड़े तस्करी होती है। सभी अभावग्रस्त और छोटे स्तर पर चल रही भूमिविहीन गौशालाओं में गोवंश हेतु अनुदान नहीं होने से चारा/पानी की कमी हो जाती हैं।
और भी गौ-सेवा के क्षेत्र में अनेकानेक समस्याएँ आती है। जैसे उद्योगीकरण के कारण, आधुनिकता के कारण तेज रफ्तार से ही रहे निर्माण कार्य के कारण गौमाताओं के गोचर खत्म होते जा रहे हैं। गोचर नहीं होने के कारण गोवंश राजमार्गों पर भूख/क्षुधा से व्याकुल होकर राजमार्गों पर भ्रमण करते हैं।
तेज रफ्तार से गाड़ी आती है और गौमाताएं सड़क हादसे की शिकार हो जाती है। समय पर इलाज नहीं होने के कारण गोवंश अपनी लीलापूर्ण करता है। कुछ अतिस्वार्थी कृषक गौवंश खेत में नहीं आवे, इस कारण सीधा सड़क से सटकर तारबंदी कर देते है, परिणामस्वरुप गौवंश को पर्याप्त चारा नहीं मिल पाता हैं और वह भूखा प्यासा भटकता रहता हैं। वर्तमान समय में गौ-सेवा के क्षेत्र में शासन की तरफ से कई राज्यों में उदासीनता दिखाई देती हैं। जैसे अनुदान नहीं मिलना, समय पर नहीं मिलना, पर्याप्त नहीं मिलना, तस्करों कसाइयों की सहज जमानत हो जाना, उनके वाहन छूट जाना, अदालती आदेश के कारण गोवंश वापस उनके क्रूर हाथों में लौटाना, ऐसी अनेकोनेक समस्याएँ वर्तमान समय में गौ-सेवा के क्षेत्र में गौभक्त भाई-बहनों के सामने आती है। गौमाता को किसी भी प्रकार का कोई भी कष्ट न हो, गौमाताओं को आहार, आश्रय, आदर, औषधि और आजादी प्राप्त हो, समय पर घास/जल की सुविधा उपलब्ध हो, गोचर पर मात्र गौवंश का विचरण हो, गौवंश का किसी भी प्रकार का अपमान न हो, समय पर उपचार मिले, उचित निवास प्राप्त हो, इसलिये धेनु शक्ति संघ (DSS)
का गठन किया गया है, जो देश-विदेश के सभी गो-सेवक भाई-बहनों के सहयोग हेतु संकल्पबद्ध है।
हमारी प्रमुख सेवाएं
राष्ट्रव्यापी गौ-रक्षार्थ, गो-सेवार्थ कड़े आंदोलन कर गौमाता के पक्ष में शासन से सहयोग और न्याय प्राप्त करना।
सरकार से शासकीय स्तर पर गौशालाओं को गो-चिकित्सालय को, गो संवर्धन केन्द्रों को समय पर उचित अनुदान दिलवाना।
गोचर से अवैध कब्जे हटाने में सरकार और समाज का सहयोग करना।
गो-सेवी बेटियों को, महिलाओं को प्रेरित कर गो-सेवा में लगाना।
फाउंडेशन के सदस्य

साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती दीदी जी - प्रधान संरक्षक

Director
मार्गदर्शक मंडल

साध्वी श्री कपिला गोपाल सरस्वती दीदी जी

साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी जी

साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती दीदी जी

साध्वी दीदी जी

कुमारी राधिका गोपाल - अध्यक्ष

कुमारी श्यामा गोपाल - सचिव

कुमारी धेनु प्रिया गोपाल - कोषाध्यक्ष्य
गौमाता की प्राणरक्षा के लिए लड़ते हुए अगर प्राण निकल जाये तो वह ब्रह्महत्या जैसे पाप से मुक्त हो जाता हैं।
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